गणित में सबसे महत्वपूर्ण फार्मूला है, जिसका उपयोग गणितीय प्रश्नों का हल करने के लिए करते है. मेरा मानना है कि गणित के सूत्रों के साथ प्रैक्टिस करने से फार्मूला खुद व खुद याद हो जाते है, जिसे आपको अलग से याद करने की जरुरत नही है. इसके लिए अवश्य है कि आपको सभी गणित के सूत्र एक ही जगह मिले है. इसलिए, मैं आपके लिए सभी मैथ्स फार्मूला इस सिंगल पोस्ट में उपलब्ध कर रहा हूँ कि फार्मूला खोजने के लिए आपको अलग-अलग जगह जाने की जरुरत न पड़े.
मुझे लगता है कि आपको सभी प्रमाणित सूत्रों को एक ही स्थान पर केटेगरी के अनुसार प्रदान करना बेहतर है. इससे फार्मूला देखने में आपको परेशानी नही होगी. मैं सभी गणित सूत्र को निचे सूचीबद्ध कर रहा हूँ, जिसकी आवश्यकता आपको बार-बार पड़ती है.
गणित के सूत्र
गणित के सूत्र वे नियम या समीकरण हैं जो गणितीय समस्याओं को हल करने के लिए उपयोग किए जाते हैं, सूत्र कहलाते है.
किसी भी गणितीय प्रश्न को हल करने के लिए सूत्र का उपयोग सबसे महत्वपूर्ण होता है. हालांकि ये सूत्र अपने प्रकार के अनुसार अलग-अलग होते है. जैसे क्षेत्रफल, वृत्त, घन, घनाभ, शंकु आदि. इसलिए, मैं इस पोस्ट में सभी उपयोगी फार्मूला को दे रहा हूँ जो बेहद आवश्यक है.
अंकगणित फार्मूला
प्राकृतिक संख्या:- ऐसी संख्याएँ जो वस्तुएं के गिनने के काम आती है उन्हें प्राकृतिक संख्या कहते हैं.
पूर्ण संख्याऐं:- यदि प्राकृतिक संख्या के समूह 0 को शामिल कर लिया जाए, तो प्राप्त संख्याएँ पूर्ण संख्या कहलाती है.
पूर्णांक संख्याएँ:- पूर्ण संख्या तथा ऋणात्मक संख्याओं के समुह को, पूर्णांक संख्याएँ कहते है.
सम संख्याऐं:– दो से विभाजित होने वाली प्राकृतिक संख्या सम संख्याऐं कहलाती है.
विषम संख्याऐं:– वे संख्याएँ जो 2 से पूर्णतः विभाजित नहीं होती है, विषम संख्याएं कहलाती है.
लगुत्तम और महत्तम फार्मूला:
- ल.स. = (पहली संख्या × दूसरी संख्या) ÷ HCF
- ल.स × म.स. = पहली संख्या × दूसरी संख्या
- पहली संख्या = (LCM × HCF) ÷ दूसरी संख्या
- म.स. = (पहली संख्या × दूसरी संख्या) ÷ LCM
- दूसरी संख्या = (LCM × HCF) ÷ पहली संख्या
बीजगणित सूत्र (अलजेब्रा)
a2 – b2 = (a – b)(a + b)
(a+b)2 = a2 + 2ab + b2 Or a2 + b2 + 2ab
a2 + b2 = (a – b)2 + 2ab Or (a + b)2 – 2ab
(a – b)2 = a2 – 2ab + b2 Or a2 + b2 – 2ab
(a + b + c)2 = a2 + b2 + c2 + 2ab + 2ac + 2bc
(a – b – c)2 = a2 + b2 + c2 – 2ab – 2ac + 2bc
(a + b)3 = a3 + 3a2b + 3ab2 + b3 ; (a + b)3 = a3 + b3 + 3ab(a + b)
(a – b)3 = a3 – 3a2b + 3ab2 – b3 Or a3 – b3 – 3ab ( a – b)
a3 – b3 = (a – b)(a2 + ab + b2) Or (a – b)3 + 3ab ( a – b ) Or ( a – b ) ( a2 + ab + b2 )
a3 + b3 = (a + b)(a2 – ab + b2) Or (a + b)3 – 3ab ( a + b )
(a + b)3 = a3 + 3a2b + 3ab2 + b3 Or a3 + b3 + 3 ab ( a + B )
(a – b)3 = a3 – 3a2b + 3ab2 – b3 Or a3 – b3 – 3 ab ( a – B )
(a + b)4 = a4 + 4a3b + 6a2b2 + 4ab3 + b4)
(a – b)4 = a4 – 4a3b + 6a2b2 – 4ab3 + b4)
a4 – b4 = (a – b)(a + b)(a2 + b2)
a5 – b5 = (a – b)(a4 + a3b + a2b2 + ab3 + b4)
घातांक एवं आंशिक घातांक
- (am)(an) = am+n
- (ab)m = ambm
- (am)n = amn
- √a = a 1/2
- ∛a = a 1/3
- n √a = a 1/n
- a p . a q = a p + q
- (ap ) / (a q ) = a p – q
- ap . bp = ( a . b ) p
- (a p ) q = a pq
- a 0 = 1
- a –n = 1/a n
त्रिभुज का फार्मूला
एक त्रिभुज का क्षेत्रफल = ½ × आधार × ऊँचाई, अर्थात A = ½ × bh
A = √[ s ( s – a ) ( s – b ) ( s – c ) ]
जहाँ s अर्द्ध परिमाप है = (a + b + c) / 2, और a, b, एवं c त्रिभुज तीनों भुजाओं की लम्बाई है.
समबाहु त्रिभुज का फार्मूला:
- समबाहु त्रिभुज की परिमाप = 3a, जहाँ a = भुजा
- समबाहु त्रिभुज का क्षेत्रफल = √3a2/4, जहाँ a = भुजा
- अर्धवृत की त्रिज्या ( समबाहु त्रिभुज में), R = a / 2 × √(3)
- समबाहु त्रिभुज का शीर्षलंब = √(3)/2 × a
- परिवृत की त्रिज्या R = a / √3
समकोण त्रिभुज का फार्मूला:
- क्षेत्रफल = A = ½ × b × h अर्थात, A = ½ × आधार × ऊँचाई
- समकोण त्रिभुज का परिमाप = ( a + b + c )
- क्षेत्रफल A =√ [ s(s – a)(s – b)(s – c) ]
- (कर्ण)² = (लम्ब)² + (आधार)²
अधिक कोण त्रिभुज:
- परिमाप = a + b + c
- क्षेत्रफल A = ½ × b × h
- अर्धपरिधि P = ½ ( a + b + c )
- क्षेत्रफल A = √ [ s(s – a)(s – b)(s – c) ]
समद्विबाहु त्रिभुज फार्मूला:
- समद्विबाहु त्रिभुज का क्षेत्रफल A = ½ × b × h अर्थात, A = ½ × आधार × ऊँचाई
- दूसरा क्षेत्रफल A = a / 4 √ (4b² – a²)
- तीसरा क्षेत्रफल A = 1/2×side2×sinθ जहाँ θ = थीटा, जो त्रिभुज का कोण है.
- समद्विबाहु त्रिभुज का परिमाप P = 2a + b
- जहाँ दो समान लम्बाई वाली भुजाएँ b हैं तथा आधार की भुजा a है.
चतुर्भुज फार्मूला
- चतुर्भुज भिन्न-भिन्न लम्बाई एवं भिन्न-भिन्न कोणों का एक आकृति है.
- इस चतुर्भुज में चारों कोणों का योग 360 डिग्री यानि 2π रेडियन के बराबर होता है.
- चतुर्भुज वर्ग, समनांतर, समलम्ब आदि होता है.
- भिन्न-भिन्न चतुर्भुज में भुजाएँ एवं कोण अलग-अलग होते है.
- विकर्ण विपरीत या सम्मुख शीर्षों को एक दुसरें से जोड़ते है.
- चतुर्भुज का क्षेत्रफल = ½ × d (H + h), जहाँ d चतुर्भुज का विकर्ण, H और h लम्ब है.
चक्रीय चतुर्भुज:
- ∠A + ∠B + ∠C + ∠D= 360°
- ∠A + ∠C = 180°
- ∠B + ∠D = 180°
- क्षेत्रफल = √[s(s-a) (s-b) (s – c) (s – c)]
- परिमाप, S = ½ ( a + b + c + d )
समान्तर चतुर्भुज:
- समान्तर चतुर्भुज का क्षेत्रफल = b × h अर्थात, आधार × ऊचाई
- दूसरा क्षेत्रफल = a b sin A = b a sin B
- जहाँ a और b भुजाएँ तथा A और B कोण है.
सम चतुर्भुज:
- सम चतुर्भुज का क्षेत्रफल = (पहला विकर्ण × दूसरा विकर्ण) / 2
- अर्थात क्षेत्रफल, A = (d1 × d2)/2 वर्ग इकाई
- परिमाप, P = 4 × a
समलम्ब चतुर्भुज:
- समलम्ब चतुर्भुज का क्षेत्रफल , A = h × ( a + b ) / 2
- अर्थात, ½ × ऊँचाई ( समान्तर भुजाओं का योग )
- परिमाप = चारों भुजाओं का योग
बहुभुज का फार्मूला
- n भुजा वाले चतुर्भुज का अन्तः कोणों का योग = 2(n -2) × 90°
- समबहुभुज के प्रत्येक अंतः कोण = (n – 2) / 2 × 180°
- n भुजा वाले बहुभुज के बहिष्कोणों का योग = 360°
- बहुभुज के कुछ अंतः कोणों का योग = (n – 2) × 180°
- n भुजा वाले समबहुभुज का प्रत्येक अन्तः कोण = [2(n – 2) × 90°] / n
- बहुभुज की परिमिति = n × एक भुजा
- नियमित षट्भुज का क्षेत्रफल = 6 × ¼√3 (भुजा)²
- n भुजा वाले समबहुभुज का प्रत्येक भहिष्यकोण = 360°/n
- नियमित षट्भुज का क्षेत्रफल = 3√3×½ (भुजा)²
- समषट्भुज की भुजा = परिवृत की त्रिज्या
- नियमित षट्भुज की परिमति = 6 × भुजा
- n भुजा वाले नियमित बहुभुज के विकर्णो की संख्या = n(n – 3)/2
क्षेत्रमिति फार्मूला
वृत्त का क्षेत्रफल | πr2 या πd2/4 |
वृत्त की त्रिज्या, r | √(क्षेत्रफल / π) |
वृताकार वलय का क्षेत्रफल | π (R2 – r2) |
अर्द्धवृत्त की परिधि | ( π r + 2 r ) |
अर्द्धवृत्त का क्षेत्रफल | 1/2πr² |
त्रिज्याखण्ड का क्षेत्रफल | θ/360° × πr² |
चाप की लम्बाई | θ/360° × 2πr |
त्रिज्याखण्ड की परिमिति | 2r + πrθ/180° |
वृतखण्ड का क्षेत्रफल | (πθ/360° – 1/2 sinθ)r² |
बेलन का आयतन | πr2h |
बेलन का वक्रपृष्ठ का क्षेत्रफल | 2πrh |
बेलन का सम्पूर्ण पृष्ठ का क्षेत्रफल | 2πr ( h + r ) |
शंकु का आयतन | 1/3 πr2h |
शंकु के वक्र पृष्ठ का क्षेत्रफल | πrl |
शंकु के सम्पूर्ण पृष्ठ का क्षेत्रफल | πr ( l + r ) |
गोले का वक्रपृष्ठ का क्षेत्रफल | 4πr2 |
गोला का आयतन | 4/3 πr3 |
गोलीय शेल का आयतन | 4/3 π ( R3 – r3 ) |
समबाहु त्रिभुजा का क्षेत्रफल | (√3)/4 × भुजा2 |
समद्विबाहु त्रिभुज का शीर्षलम्ब | a / 4 b √ (4b² – a²) |
समकोण त्रिभुज का क्षेत्रफल | A = ½ × आधार × ऊँचाई |
घन का आयतन | भुजा × भुजा × भुजा = a3 |
घन का परिमाप | 4 a² |
आयत का परिमाप | 2(लम्बाई + चौड़ाई) |
आयत का विकर्ण | √(लंबाई² + चौड़ाई²) |
वर्ग की परिमाप | 4 × a |
वर्ग का क्षेत्रफल | (भुजा × भुजा) = a² |
वर्ग का विकर्ण | एक भुजा × √2 = a × √2 |
आयत का क्षेत्रफल | लंबाई ×चौड़ाई |
नोट: इस टेबल में मैंने केवल उन्ही फार्मूला को दिया है, जिनका उपयोग अधिक होता है. शेष गणित सूत्र को इसके प्रकार के साथ विस्तार से जानेंगे.
त्रिकोणमिति फार्मूला
Sin θ | लम्ब / कर्ण | = p / h |
Cos θ | आधार / कर्ण | = b / h |
Tan θ | लम्ब / आधार | = p / b |
Cot θ | आधार / लम्ब | = b / p |
Sec θ | कर्ण / आधार | = h / b |
Cosec θ | कर्ण / लम्ब | = h / p |
त्रिकोणमितिय अनुपातो के बिच सम्बन्ध
- sinθ × Cosecθ = 1
- sinθ = 1 / Cosecθ
- Cosecθ = 1 / sinθ
- Cosθ × Secθ = 1
- Cosθ = 1 / Secθ
- Secθ = 1 / Cosθ
- Tanθ × Cotθ = 1
- Tanθ = 1 / Cotθ
- Cotθ = 1 / Tanθ
- Tanθ = sinθ / Cosθ
- Cotθ = Cosθ / sinθ
0°, 30°, 45°, 60° और 90° के त्रिकोणमितिय Table:
संकेत | 0° | 30° = π/6 | 45° = π/4 | 60° = π/3 | 90° = π/2 |
ट्रिक्स | √(0/4) | √(1/4) | √(2/4) | √(3/4) | √(4/4) |
Sin θ | 0 | ½ | 1/√2 | √3/2 | 1 |
Cos θ | 1 | √3/2 | 1/√2 | ½ | 0 |
Tan θ | 0 | 1/√3 | 1 | √3 | अपरिभाषित |
Cot θ | अपरिभाषित | √3 | 1 | 1/√3 | 0 |
Sec θ | 1 | 2/√3 | √2 | 2 | अपरिभाषित |
Cosec θ | अपरिभाषित | 2 | √2 | 2/√3 | 1 |
अन्य त्रिकोणमितिय फार्मूला
- sin (90° – θ) = cos θ
- cos (90° – θ) = sin θ
- tan (90° – θ) = cot θ
- cosec (90° – θ) = sec θ
- sec (90° – θ) = cosec θ
- cot (90° – θ) = tan θ
- sin2θ + cos2 θ = 1
- sec2 θ = 1 + tan2θ
- Cosec2 θ = 1 + cot2
चक्रवृद्धि ब्याज
- चक्रवृद्धि ब्याज = (1 + R / 100 ) T – मूलधन
- चक्रवृद्धि ब्याज = मूलधन (1 + दर / 100)T – 1]
- चक्रवृद्धि ब्याज = मिश्रधन – मूलधन
- मूलधन = साधारण ब्याज × 100 / समय × ब्याज की दर
- मिश्रधन = मूलधन + साधरण ब्याज
- समय = साधरण ब्याज × 100 / मूलधन × ब्याज की दर
- ब्याज की दर = साधरण ब्याज × 100 / मूलधन × समय
यहाँ लगभग सभी आवश्यक गणितीय सूत्र उपलब्ध किया है, जिसका उपयोग प्रश्न हल करने हेतु सबसे अधिक होता है. शेष जो भी सूत्र बच रहा है उसे आप उसके प्रकार के पोस्ट में विस्तार से स्टेप बाय स्टेप देख सकेंगे.
हमारा मिशन
इस इस वेबसाइट के माध्यम से हमारा उद्देश है कि गणित के सूत्र के विषय में आपको पूरी जानकारी प्रमाणिकता के साथ प्रदान करे, ताकि आपको मैथ्स फार्मूला के लिए कही और जाने की आवश्यकता न पड़े. इस वेबसाइट पर क्लास 1 से लेकर क्लास 12 तक की सभी फार्मूला सरल भाषा में उपलब्ध किया है.
मैंने अपने अनुभव से यह जाना है कि मैथ फार्मूला नेट पर खोजने में बहुत परेशनी होती है. इसलिए मैंने सोचा कि क्यों सभी गणित सूत्र आपको एक ही जगह, एक ही प्लेटफार्म पर उपलब्ध करा दिया जाए.
संपर्क विवरण: इस वेबसाइट या गणित सूत्र से सम्बंधित किसी भी प्रकार के प्रश्न या सुझाव के लिए help@ganitsutra.in या ganitsutrain@gmail.com पर संपर्क अवश्य करे.